Tuesday, December 20, 2011

मायावी...



चमन में फूलों की सेज मायावी,
तारों की चादर ओढ़े रात मायावी,
चाँद से छनती किरण मायावी,
गोधूली में छुपा संसार मायावी,
हर युग में पनपते जीव मायावी,
मंदिर में बिखरी दुआ मायावी,
सजदा करता काफ़िर मायावी,
राज्य में भौंकते कुत्ते मायावी,
फेंकी हुई रोटी के टुकड़े मायावी,
प्रेम से होठों पे कम्पन मायावी,
होठों पे झूलते लफ्ज़ मायावी,
समय का हर एक पल मायावी,
पल में सैकड़ों श्वास मायावी,
तन पे पड़ा कपड़ा मायावी,
नंगेपन में छुपती शर्म मायावी,
भ्रष्टाचार की भूख मायावी,
सच के डंके का शोर मायावी,
आखों के कोने में नींद मायावी,
पलकों पे सिकते ख्वाब मायावी, 
श्मशान में जलता मुर्दा मायावी,
जीवन मृत्यु का चक्र मायावी,
मैं मायावी, तू मायावी,
यह सृष्टि,  यह ब्रह्मांड मायावी|

Tuesday, December 13, 2011

पंछी...




  अलविदा कहते उन पंछियों को आवाज़ लगाती मैं
ले जाओ लिफाफे में बंद मेरी धड़कनें पिया की गली,
कह दो लाल रंग उसके नाम का इंतज़ार करता है ।
इन पंछियों को अजब सी घिन सिंदूरी लालिमा से,
शायद पंख खून की कीचड़ के धब्बों से सन गए हैं ।
सावन में पतझड़ जैसे मायूस वह अब चहचहाते नहीं,
काले धुंए में पिया का घर धुंधला सा नज़र आता उन्हें
और मैं उम्मीद के दाने छज्जे पर बिखेरते रहती ।