Thursday, December 6, 2012

दुनिया ( चित्र : 'लास्ट जजमेंट' द्वारा मैकलएंजेलो )




दीवारों पे चिपकी खूनी पीक तू,
नंगे शिशु की अभागी चीख तू,
बाँझ की ममता भरी कोख तू,
दीन की जीभ पे लटकी भूख तू,
सत्य के चीथड़े मलबे में झोंक तू,
भोले को घिसते खुरों में ठोक तू, 
अरमानों में घुसा महंगी नोक तू,
गलते मांस की गंध न रोक तू,
पाप की ख्याति से न चूक तू,
दूषण बहती हवा में रह मूक तू,
क्रोध के अंगारे मुंह से फूँक तू ,
आ दुनिया मुझ पे मैल थूक तू...