आदरणीय माता - पिता
यह बात परम्परागत रूप से सत्य हो सकती है कि मेरा सपना मुझे समाज के नियमों के अनुसार एक अच्छी और लायक बेटी घोषित नहीं करता | समाज के रचनकारों के अनुसार जीवन व्यतीत करना मेरे लिए मूर्छित अवस्था में होने जैसा है और इस बात कि स्वीकृति मेरी आत्मा नहीं देती मुझे|
आपका यह समाज , यह दोगुना मानक वाला समाज मेरे सपनों से मेरे संबंध को समझने में असफल है और मुझे इस समाज को अपने ढांचे में ढालने में कोई दिलचस्पी नहीं | मेरी इस पीड़ा को समझने में आप भी आज असमर्थ रहे हैं क्यूँकी आप भी इस समाज के आदर्शों पे चलने वाले पुतले हैं| आज मैं ऐसी कशमकश में हूँ जहाँ आपका प्यार मेरे सपनों के बीच रुकावट बनके खड़ा है |
मैं इस प्यार के बिना तो शायद जिंदा रह लूँ परंतु अपने सपने का दाह संस्कार करना मेरे लिए संभव नहीं|अकेले रह कर संसार के ठहाके सहना शायद आसान हो मेरे लिए पर अपने सपनों को त्याग कर अपने अंतर्मन्न के ठहाकों का शोर मुझे तिल-तिल करके मार देगा |
यह बात परम्परागत रूप से सत्य हो सकती है कि मेरा सपना मुझे समाज के नियमों के अनुसार एक अच्छी और लायक बेटी घोषित नहीं करता | समाज के रचनकारों के अनुसार जीवन व्यतीत करना मेरे लिए मूर्छित अवस्था में होने जैसा है और इस बात कि स्वीकृति मेरी आत्मा नहीं देती मुझे|
आपका यह समाज , यह दोगुना मानक वाला समाज मेरे सपनों से मेरे संबंध को समझने में असफल है और मुझे इस समाज को अपने ढांचे में ढालने में कोई दिलचस्पी नहीं | मेरी इस पीड़ा को समझने में आप भी आज असमर्थ रहे हैं क्यूँकी आप भी इस समाज के आदर्शों पे चलने वाले पुतले हैं| आज मैं ऐसी कशमकश में हूँ जहाँ आपका प्यार मेरे सपनों के बीच रुकावट बनके खड़ा है |
मैं इस प्यार के बिना तो शायद जिंदा रह लूँ परंतु अपने सपने का दाह संस्कार करना मेरे लिए संभव नहीं|अकेले रह कर संसार के ठहाके सहना शायद आसान हो मेरे लिए पर अपने सपनों को त्याग कर अपने अंतर्मन्न के ठहाकों का शोर मुझे तिल-तिल करके मार देगा |
आपकी बेटी