Tuesday, July 19, 2011

"तेरी - मेरी ज़िन्दगी"


तेरा ज़िन्दगी में आना जैसे ओस की ताज़गी हो,
तेरी बातें जैसे झींगुरों की मौशिकी हो,
तेरी हंसी से जगमगाती तारों की छावनी में रात हो,
तेरा एहसास जैसे सूनेपन का मलहम हो,
तेरी बाहों में रहना जैसे मेरी इबादत हो,
तेरा इश्क काँटों पे चलने की राहत हो,
तेरे होटों को चूमना जैसे जाम का प्याला हो,
तेरा मुझ में सामना जैसे पतझड़ के बाद सावन हो,
तेरी आँखें मेरी सादगी का आइना हो,
तेरी मौजूदगी मेरी धड़कनों की ज़िन्दगी हो,
तेरी रूह से गुफ्तगू जैसे मेरी रूह का जूनून हो,
तेरी ख़ामोशी, तेरी नाराज़गी जैसे मौत का पैगाम हो |