Tuesday, July 26, 2011

" इलेक्ट्रिक चूल्हा "






कुछ गिने चुने स्टील के बर्तन,
ज़रूरत के हिसाब से मसाले,
बस इतना ही था उस भावनाहीन कमरे में
उस दिन जैसे गृहिणी की रसोई बन गया था
वो कोने में पड़ा 'इलेक्ट्रिक चूल्हा' |



वो 2/2 की जगह अन्नपूर्णा  का स्वागत करने लगी,
कुटुंब की दास्तान सुनाती जैसे दाल-सब्ज़ी,
कई दिनों से वो साधारण रूप वाला, 
ज़ंग खाता हुआ - जलने पर,
 हमारे प्यार जैसे जगमगा उठा ' इलेक्ट्रिक चूल्हा ' |



तुम्हारा मेरे हाथ से निवाले को लपक कर खाना,
4-5 वर्ष के बालक जैसे  टुक - टुकी  लगाये 
थाली में पड़े दाल भात को ताकना,
हमारे इसी प्यार की मासूमियत को देख,
गर्व और ख़ुशी से झूम उठा वो ' इलेक्ट्रिक चूल्हा ' |








Tuesday, July 19, 2011

"तेरी - मेरी ज़िन्दगी"


तेरा ज़िन्दगी में आना जैसे ओस की ताज़गी हो,
तेरी बातें जैसे झींगुरों की मौशिकी हो,
तेरी हंसी से जगमगाती तारों की छावनी में रात हो,
तेरा एहसास जैसे सूनेपन का मलहम हो,
तेरी बाहों में रहना जैसे मेरी इबादत हो,
तेरा इश्क काँटों पे चलने की राहत हो,
तेरे होटों को चूमना जैसे जाम का प्याला हो,
तेरा मुझ में सामना जैसे पतझड़ के बाद सावन हो,
तेरी आँखें मेरी सादगी का आइना हो,
तेरी मौजूदगी मेरी धड़कनों की ज़िन्दगी हो,
तेरी रूह से गुफ्तगू जैसे मेरी रूह का जूनून हो,
तेरी ख़ामोशी, तेरी नाराज़गी जैसे मौत का पैगाम हो |

Thursday, July 14, 2011

ख्वाब - बस यूँ ही !


मेरे दिल में ख़्वाब तो बहुत हैं,
मगर बयान करने को शब्द नहीं
बस देख ले एक नज़र आकाश में बादलों को -
कुछ काले कुछ सफ़ेद बदल,
बस ऐसे ही गहरे हल्के हैं मेरे ख़्वाब |



इन ख़्वाबों में कई बातें सोची हैं,
पर सब बातों की वजह नहीं जानती
बस देख ले दूर समुन्दर में - 
पानी के अनेक रंगों को,
बस ऐसे बदलते से रहें मेरे ख्वाब |



आर्ज़ुओं में ख्वाब या ख्वाबों में आर्ज़ू ,
नहीं जानती किसकी महिमा श्रेष्ठ है,
बस देख तेज़ बहती हवा को -
कभी इस छोर, कभी उस छोर,
बस यूँ ही मचलते से हैं मेरे ख्वाब ।


Saturday, July 9, 2011

मेक--अप


लैक्मे के काउंटर पे जाना उसने छोड़ दिया था
क्यूंकि अब उसके "होठों का मधु" ही उसकी लिपस्टिक था
वो चेहरे के दाग छुपाना,फेस पावडर या कॉम्पैक इस्तेमाल करना ,
उसके "हाथों के स्पर्श" के आगे फीका लगने लगा |
ऑफिस से आके वो सिर्फ पानी से निकली
उसकी पसीने की खुशबू से महकती टीशर्ट पहन लेती|
वो जिसे पर्सनल हाइजीन का बुखार था
उस "घिन'' को भी अपने प्रेमी का एहसास समझने लगी |
वो बेडरूम का फुल लेंथ आईना कई बार उसके चहेरे की
सुन्दरता का वर्णन कर चूका था ,
पर उसकी खूबसूरती और सादगी का आईना सिर्फ उसके "प्रेमी की आँखे" थी |
बस एक नया गहरा काला  काज़ल उसके मेक-अप  किट की एक मात्र ज़रूरी वस्तु था |
वो उसकी ज़िन्दगी में रौशनी काज़ल से भी गहरी कलि रात में लेके आया था,
उस दिन से वह उस लम्हे को अपनी आँखों में काज़ल लगा के "कैप्चर" करने लगी|