Thursday, December 20, 2012

मेरी स्कर्ट से ऊँची मेरी आवाज़ है...



कपड़े तू फाड़े और लाज बचाऊँ मैं,
नज़र तेरी बुरी और आँचल ओढूँ मैं,
इज्ज़त तेरी बढ़े और कोठा सजाऊँ मैं
बीस्ट तू बने और ब्रेस्ट छुपाऊँ मैं,
पाप तू करे और शोक मनाऊँ मैं,
कीचड़ तू उछाले और ताने खाऊँ मैं,
भूख तुझे लगी और लहू बहाऊँ मैं...