Saturday, September 8, 2012

प्रकृति का वर्चस्व (चित्र : फिल्म - 'टेस्ट ऑफ चेरी' - द्वारा 'अब्बास किरोस्तामी'



                                   हे प्रकृति फैला दो अपने सौन्दर्य का वर्चस्व,
और कर दो मेरे रक्तरंजित अस्तित्व को हरा,
यदि मैं भटक जाऊँ निष्कपट अपने विकार में,
तुम मुझे अपने शुन्यतम में विश्राम करने देना |


हे प्रकृति छिपा लो इस धर्मयुद्ध को अपने निवास में,
और उत्कीर्ण कर दो मेरे अवसाद में हिम नील वर्ण,
यदि रहूँ मैं अपने अपराध-बोध के फंसाव में ग्रस्त,
तुम पछुआ हवा से मेरे विध्वंस पर ग्रहण लगा देना ।