Saturday, July 9, 2011

मेक--अप


लैक्मे के काउंटर पे जाना उसने छोड़ दिया था
क्यूंकि अब उसके "होठों का मधु" ही उसकी लिपस्टिक था
वो चेहरे के दाग छुपाना,फेस पावडर या कॉम्पैक इस्तेमाल करना ,
उसके "हाथों के स्पर्श" के आगे फीका लगने लगा |
ऑफिस से आके वो सिर्फ पानी से निकली
उसकी पसीने की खुशबू से महकती टीशर्ट पहन लेती|
वो जिसे पर्सनल हाइजीन का बुखार था
उस "घिन'' को भी अपने प्रेमी का एहसास समझने लगी |
वो बेडरूम का फुल लेंथ आईना कई बार उसके चहेरे की
सुन्दरता का वर्णन कर चूका था ,
पर उसकी खूबसूरती और सादगी का आईना सिर्फ उसके "प्रेमी की आँखे" थी |
बस एक नया गहरा काला  काज़ल उसके मेक-अप  किट की एक मात्र ज़रूरी वस्तु था |
वो उसकी ज़िन्दगी में रौशनी काज़ल से भी गहरी कलि रात में लेके आया था,
उस दिन से वह उस लम्हे को अपनी आँखों में काज़ल लगा के "कैप्चर" करने लगी|