Sunday, May 6, 2012

स्वैछिकता में अस्पष्ट मनोकामनाएं ! (चित्र : अमृता शेरगिल)



जीवन अनोखी में मेरा पुनर्जागरण,
समय स्मरण में अवरुद्ध,
विषाद केंद्र में स्थिर -
यादों की लौपतगामिनी,
और एकांत कारावास में गुप्त -
अस्पष्ट मनोकामनाएं |
भावनाओं की करुण रिक्तता से,
फर्जी आधुनिकरण के प्रति -
स्वैछिकता के जराग्रस्त में
स्व-अनैच्छिक - मेरा मूर्त जीवन