Monday, March 19, 2012

नींद - मुझसे रूठ गयी है

कह दो बाबुल से,
मखमल के बिस्तर पर,
नींद करवट लेते हुए,
भौचक्की हो कर  ताकती,
कमरे के सफ़ेद उजाड़ रंगों को|


मेरी नींद सूने वृक्ष के
घोसलें में फँसी चिड़िया,
इंतज़ार में तड़पती
की कब दीवारें - बूँद बूँद,
रंगीन पपड़ियाँ गिरा दें,
और मैं सो जाऊँ,
सपनों की बसंत में ।