तेरी मेरी बातें
वो कही अनकही बातें
दिल की आरजू का धङकता हुआ आगाज़
तुझसे न कोइ शिकवा, न हुआ तुझे कोई एह्सास
न जाने क्यूँ रूठता सा फिर मेरी तमन्नाओं का बाज़ार
वो तेरी मेरी बातें
तेरी मेरी बातें
वो खुशी या गम की मुलाकातें
ज़िन्दगी की दूर थी मंज़िल
कुछ कदम चले तुम, कुछ हम
कहा था तुमने, बस ऐसे ही देना साथ
कहा था तुमने, बस ऐसे ही देना साथ
फ़िर चाहे हो खुशी या गम की महफ़िल
वो तेरी मेरी बातें
तेरी मेरी बातें
एक साथ बिताये वो दिन, वो रातें
अब तेरे इश्क के मझदार की करूँ इबादत
ये है ऊन्स या सुरूर या है कयामत
मेरे मालिक ने की दुआ कुबूल मेरी
तुझसे पहले दी मेरे जनाज़े को इज्जाज़त
वो तेरी मेरी बातें..वो तेरी मेरी बातें
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