Thursday, May 10, 2012

प्रिय तुम्हारी प्रेम वाणी




(अमृता शेरगिल का आत्म चित्र)


कई वर्ष पश्चात्,                      
जब मेरा शरीर - सम्मिलित होगा,
धूल और व्यर्थ में,
तुम्हारी प्रेम वाणी - फिर से,
मंद ध्वनि में,

मुझे सम्मोहित कर देगी...
                               

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