Friday, June 8, 2012

गम के तरन्नुम में ख़ुशी




(तसवीर : अमृता शेरगिल)


आ  ख़ुशी  तुझे  अपने  गम  के  तरन्नुम  में  छुपा  लूँ,

तू  जो  बढ़ा  ले  चुपके से एक  कदम  मेरे  गुलफाम  में
अपनी  ख्वाइशों  की  बस्ती  तेरी खुशबू से सजा  दूँ,

यूँ  तो  वक़्त  का  मोहताज  है  तेरा  हर अफसाना 
बस  यूँ  ही  तेरी  मोसिकी  में  चंद अल्फाज़  लिख डालूँ,

आ  ख़ुशी  तुझे  अपने  गम  के  तरन्नुम  में  छुपा  लूँ,

बादलों पर चलके आयेगी जब मिलने तू हर सहेर
तेरी बारिश में भीग के अपने आँसुओं में तुझे बसा लूँ,

तू अगर तमाशा बनके नाचे मेरी तमाम हसरतों पर
इन तमाशों की वफ़ा में हर किरदार मैं हंस के निभा लूँ,

आ  ख़ुशी  तुझे  अपने  गम  के  तरन्नुम  में  छुपा  लूँ...




1 comment:

Dr. Seema sharma said...

hi, saumya, good song ...i too m a poetess written a number of ghazals and poems in hindi and english...may contact me....