Friday, June 2, 2017

बरस

तुम आना एक बरस लेके
शर्ट में छुपी अपनी गंध लेके,
फिर मैं किसी चाय की टप्री पर
टपकते बारिश के पानी की तरह
उस गंध को अपनी बातों में मिला लूंगी,
जैसे धरती में मिल कर –
लिखता है प्रेम कहानियां वह टपकता पानी...

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