Sunday, February 16, 2014

कलाकार का प्रेम रसातल (तसवीर : Viktori Rampal Dzurenko)


चित्र द्वारा - https://www.facebook.com/pages/Viktori-a-Rampal-Art-Lab/222708664558537


प्रिय तुम्हारे प्रेम के रसातल में

शुन्य हो जाता मेरा अस्थिर जीव

और इस दोहरी निपुणता से विरक्त

मेरा कला मन हो जाता अनश्वर



फिर इस सृष्टि के चक्रव्यूह में

सम्मिलित हो जाते मेरे पूरक-प्रेरक

और मोहक होते सर्व कला प्रच्छन्न 

जैसे बनके हमारी प्रेम जिजीविषा



No comments: