मेरे अपराधों के लिए ?
जब यत्र, तत्र, सर्वत्र,
मैं बंदी हूँ,
और स्वतंत्रता -
एक मात्र मोहभंग,
फिर मुझ पर क्रोधित
मेरा आतुर जीव -
निषेधित अपनी कुंठा में,
मूर्ख !
ग्रस्त इस मोह में,
जिसका स्व भाजित सर्व तंत्र से,
और स्वतंत्रता -
एक अभिलाषित पिशाच...
नोट : वृत्तचित्र सूफी कवी 'शाह अब्दुल भीटाई' की मोहक शब्दों की विरासत, संगीत पर आधारित एक काव्यगत संयोजन है...
http://vimeo.com/37237448
एक अभिलाषित पिशाच...
नोट : वृत्तचित्र सूफी कवी 'शाह अब्दुल भीटाई' की मोहक शब्दों की विरासत, संगीत पर आधारित एक काव्यगत संयोजन है...
http://vimeo.com/37237448
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